कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता लाना है

      हल्द्वानी 25 सितम्बर - उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं डॉ आर एस टोलिया प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को हल्द्वानी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला गौलापार स्थित प्रसार प्रशिक्षण केन्द्र बागजाला में सम्पन्न हुई। कार्यशाला में बच्चों के अधिकारों उनके संरक्षण सहित बाल संरक्षण आयोग के उद्देश्यों, अधिकारों, शक्तियों तथा बाल संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों के सम्बंध में विचार विमर्श करते हुए चर्चा की गई तथा उपस्थित व ऑन लाईन माध्यम से जुड़े स्कूलों के बच्चों को इस संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग सहित, श्रम, शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य, बाल कल्याण सहित विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधियों द्वारा बच्चों के संरक्षण अधिकारों एवं अन्य क्रियाकलापों के सबन्ध में जानकारी दी।

 कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता लाना है। विभागों से आए अधिकारियों से कहा कि बच्चों के संरक्षण हेतु सरकार द्वारा समय समय पर दिए गए निर्देशों व संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन करना विभागों का दायित्व है। विशेष रूप से उन्होंने स्वास्थ्य, श्रम,शिक्षा विभागों से आए अधिकारियों से कहा कि उनके विभाग गंभीरता व संवेदनशीलता से कार्य करेंगे तो बाल अपराधों की घटनाओं को कम किया जा सकता है,  कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उसके रोकथाम हेतु व्यापक रोकथाम व जागरूकता की बात कही।

      उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग से आए उप सचिव एसके सिंह ने बाल श्रम संघ आयोग द्वारा बच्चों के संरक्षण हेतु किया जा रहे हैं कार्यों आयोग के उद्देश्यों बच्चों के अधिकारों एवं विभिन्न रिकी विभागों के कार्यों जिम्मेदारियां आदि पर अपने विचार व्यक्ति करते हुए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग बाल अपराधों की रोकथाम,अधिकारों आदि के बारे में जनपदवार जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रहा है। कार्यशाला में विभिन्न विभागों व इस क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं से आए अधिकारियों व प्रतिनिधियों द्वारा बच्चों से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी देते हुए चर्चा की गई।

   कार्यशाला में मुख्य रूप से उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षाऔर बच्चों को नशे से बचाने जैसे मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया व बच्चों को जानकारी दी गई। इसके अलावा परिवहन विभाग से आए ए आर टी ओ द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। इस दौरान साइबर सुरक्षा और शारीरिक, मानसिक एवं यौन शोषण से बचाव जैसे विषय भी प्रमुख रूप से शामिल किए गए। कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी विवेक राय ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का काम करती हैं, बल्कि अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के अन्य लोगों को भी बच्चों से जुड़े खतरों के प्रति जागरूक करती हैं।

    कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को विभिन्न परिस्थितियों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कानूनी प्रावधानों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। साथ ही, बच्चों को नशे और अपराध से दूर रखने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया। कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करना हम सभी की जिम्मेदारी है। कार्यशाला का संदेश यही था कि बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा से समझौता किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।

      जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष देवकी आर्य, सदस्य विनोद जोशी, विनीता पाठक,किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य नजर अली,जिला प्रोबेशन अधिकारी वर्षा आर्या, उत्तराखंड प्रशासन अकादमी से रजनी तिवारी, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सहित विभिन्न विभागों व संस्थाओं से आए प्रतिनिधि व स्कूलों के बच्चे उपस्थित रहे।