114वें अखिल भारतीय किसान मेले के सफल आयोजन हेतु बधाई

       पंतनगर 16 अक्टूबर - प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को पंतनगर स्थित गांधी सभागार में आयोजित चार दिवसीय 114वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री गणेश जोशी का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा तैयार मिलेट्स का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत अभिनंदन किया किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही समारोह में लगाएं गए स्टॉल चालकों को सम्मानित किया गया।

      कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में कृषि का अहम योगदान है। मंत्री ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित 114वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी  के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए  पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय कृषकों की आय वृद्धि के प्रमुख घटकों पर निरन्तर शोध एवं प्रसार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा इन शोध के परिणाम कृषकों के लिए लाभकारी होंगें। मंत्री ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा पूर्व के वर्षों की भांति इस बार भी विभिन्न फर्मों द्वारा मेले में अभूतपूर्व प्रतिभाग किया गया है। उन्होंने कहा इस प्रदर्शनी के द्वारा उपलब्ध कराई गई हर तकनीकी जानकारी एवं कृषि निवेश इत्यादि से किसान भाई, ग्रामीण बहनें एवं युवा किसान विशेष तौर पर लाभान्वित होंगे।

       मंत्री ने कहा इस प्रकार के किसान मेले किसानों के लिए बहुत उपयोगी है। किसान मेला एक ऐसा मंच होता है, जहाँ किसान एवं कृषि से सम्बन्धित उद्यमी एक ही स्थान पर अपनी कृषि सम्बन्धी सभी जानकारी प्राप्त करते हैं। साथ ही कृषि निवेश जैसे उन्नत बीज, कीटनाशक दवाइयाँ, कृषि यंत्र, जैविक खाद आदि का क्रय एवं अपनी खेती में इनका प्रयोग कर लाभ उठाते हैं। मंत्री ने मेले में आये हुए सभी उद्यमियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं एफ.पी.ओ. को बधाई देते हुए कहा इस मेले में बड़े परिश्रम एवं उत्साह के साथ भाग लेकर तकनीकी हस्तान्तरण में अपना अमूल्य योगदान दिया है। कि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के दिशा-निर्देशन में विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से विकसित तकनीक का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इन केन्द्रों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रशिक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, प्रक्षेत्र परीक्षण, कृषि गोष्ठी, कृषक - वैज्ञानिक संवाद जैसे अनेक कार्यक्रमों का सम्पादन करते हैं। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के समग्र विकास में प्रसार की यह जिला स्तर इकाई श्कृषि विज्ञान केन्द्रश् निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा।

      कुलपति डाॅ. मनमोहन सिंह चैहान ने निदेषक प्रसार षिक्षा डा. जे.पी. जायसवाल एवं उनकी टीम को 114वें अखिल भारतीय किसान मेले के सफल आयोजन हेतु बधाई देते हुए कहा कि इस किसान मेले में 450 से अधिक स्टाल लगाये गये हैं, जिनसे 36 लाख रूपये की आय हुई है, जोकि एक बहुत बडी उपलब्धि है। उन्होंने स्मार्ट एग्रीकल्चर एवं स्मार्ट मार्केटिंग की आवष्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि किसानो को स्मार्ट एग्रीकल्चर एप से जुडने हेतु आह्वान किया जिससे किसानो को नयी तकनीक जानकारी प्राप्त हो सके।  कार्यक्रम के प्रारम्भ में डाॅ. जे.पी. जायसवाल ने सभी उपस्थितजनों का स्वागत किया और चार दिवसीय 114वें किसान मेले के बारे में जानकारी देते हुए डाॅ. जे.पी. जायसवाल ने बताया कि विष्वविद्यालय के विभिन्न बीज केन्द्रों से किसानों को 1 करोड़ 48 लाख रूपये के बीजों की बिक्री की गयी। उन्होंने बताया कि इस मेले में विभिन्न फर्मों, विष्वविद्यालय एवं अन्य सरकारी संस्थाओं के लगभग 450 से अधिक स्टाल लगाये गये व लगभग 25000 पंजीकृत एवं अपंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया।

      मुख्य अतिथि द्वारा सर्वोत्तम स्टाल के लिए मैसर्स न्यू हालैंण्ड ट्रैक्टर, रूद्रपुर तथा सर्वोत्तम प्रदर्षन के लिए मैसर्स मनराज एग्रो इंडस्ट्रीज, गदरपुर के प्रतिनिधियों को प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर किसान मेले में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं स्टालों के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किये गये। समापन समारोह में सभी अतिथियों ने मेले में लगी उद्यान प्रदर्षनी में विष्वविद्यालय व अन्य सरकारी संस्थानों के स्टालों को उनके प्रदर्षन के आधार पर पुरस्कृत किया गया। साथ ही मेले में लगाये गये विभिन्न वर्गों के स्टाॅलों को भी उनके प्रदर्षन व बिक्री के आधार पर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. ए.एस. नैन ने सभी को धन्यवाद दिया।       

       इस अवसर पर रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा, लालकुआ विधायक डाॅ. मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक किच्छा राजेश शुक्ला, कुलपति, डाॅ० मनमोहन सिंह चौहान, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, निदेशक प्रसार शिक्षा, डाॅ० जय प्रकाश जायसवाल, निदेशक अनुसंधान केन्द्र, डाॅ० अजीत सिंह नैन आदि उपस्थित रहे।